अन्तर्राष्ट्रिय हाईपर्टेन्शन डे
अब क्या कहें एक और दिन आ गया मनाने के लिये इन्ट्र्नैशनल हाईपरटेन्शन डे मै ये तो नही जानती कि इसे कैसे और किस को मनाना चाहिये
मगर एक बात की खुशी है किमुझे इसे मनाने मे कोई ऐतराज या परेशानी नहि है आप लोग भी परेशान मत होईये हमरे देश मे आज कल् ये दिन मनाने के लिये माहौल भी है और लोग भी हैं जिन्हें हाईपरटेन्शन हो गयी है उन मे कुछ्ह तो वो जो प्रधानमंन्त्री बनने के सपने देख रहे थे पर सपने सपने ही रेह गये और कुछ वो जो हार गये कुछ जो बन गये उन्हे आगे की चिन्ता सता रही है के मन्त्रीपद मिलेगा कि नहीं जो वर्कर्स हैं वो भी जोड तोड मे लगे हैं कि अब कौन कौन से लाभ उठायें इस लिये हर शहर मे बडे पैमाने पर ये दिन मनाया जाना चाहिये कि भाई सपने तो जरूर देखो मगर अपने कद और हैसियत के अनुसार अगर बडे सपने देखने ही हैं तो राहुल बाबा की तरह गलियों की खाक छानो और पसीन बहाओ टेन्शन चाहे फिर भी रहेगी पर हाईपरटेन्शन नही होगी इस तरह ये देश हाईपर्टेन्शन से मुक्त हो जायेगा याद रखो ये एक साईलेन्ट किलर है
अब क्या कहें एक और दिन आ गया मनाने के लिये इन्ट्र्नैशनल हाईपरटेन्शन डे मै ये तो नही जानती कि इसे कैसे और किस को मनाना चाहिये
मगर एक बात की खुशी है किमुझे इसे मनाने मे कोई ऐतराज या परेशानी नहि है आप लोग भी परेशान मत होईये हमरे देश मे आज कल् ये दिन मनाने के लिये माहौल भी है और लोग भी हैं जिन्हें हाईपरटेन्शन हो गयी है उन मे कुछ्ह तो वो जो प्रधानमंन्त्री बनने के सपने देख रहे थे पर सपने सपने ही रेह गये और कुछ वो जो हार गये कुछ जो बन गये उन्हे आगे की चिन्ता सता रही है के मन्त्रीपद मिलेगा कि नहीं जो वर्कर्स हैं वो भी जोड तोड मे लगे हैं कि अब कौन कौन से लाभ उठायें इस लिये हर शहर मे बडे पैमाने पर ये दिन मनाया जाना चाहिये कि भाई सपने तो जरूर देखो मगर अपने कद और हैसियत के अनुसार अगर बडे सपने देखने ही हैं तो राहुल बाबा की तरह गलियों की खाक छानो और पसीन बहाओ टेन्शन चाहे फिर भी रहेगी पर हाईपरटेन्शन नही होगी इस तरह ये देश हाईपर्टेन्शन से मुक्त हो जायेगा याद रखो ये एक साईलेन्ट किलर है
सही कहा आपने...हम तो ये कहते हैं जी के...मस्त रहो मस्ती में आग लगे बस्ती में...फिर देखो कोई टेंशन नहीं रहेगा...
ReplyDeleteनीरज .
HA HA HA SAHI KAHAA HAI AAPNE.. HAMAARE DESH ME YE MAUSHAM ABHI KHUB BANAA PADAA HAI...
ReplyDeletegam pe dhul daalo,kahkahaa laga lo...
ReplyDeleteहमेशा मस्त रहिए कोई टेन्शन होगी ही नहीं।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
ha ha ha...bahut sahi likhe hai :)
ReplyDeleteही-ही-ही-ही.......और टेंशन करके भी आप कर क्या लीजियेगा........ही-ही-ही-ही-........इसलिए टेंशन मत लीजिये......टेंशन दीजिये.....और देश की मुख्यधारा में शामिल हो जाईये....!!
ReplyDeletebhut shi kaha .ak mjdur ke liye koi day nhi hota nity psina bhakar nye din ka nirman karta hai .
ReplyDeleteअब ये भी दिन देखना पडेंगे कि हर रोज़ कोई ना कोई डे होगा. अब हाईपर टेंशन नही होने की वजह से मुझे टेंशन हो रहा है!!
ReplyDeleteगम पे धूल डालो,
ReplyDeleteकहकहा लगाओ,
कांटो की डगरिया ज़िंदगानी है,
तुम जो मुस्कुरा दो राजधानी है......
सकारात्मक सोच ही हल है.
Bahut khub.
ReplyDeletekis-kis ko yaad kijiye..kis-kis ko royiye,
ReplyDeleteaaram badi ceej hai, munh dhaapkar soyiye...
No tention.
बिलकुल सही कहा आपने, सहमत हूँ!
ReplyDeletebahut hi umda likha hai aapne.
ReplyDeleteAchchha vyang kiya hai aapne.
ReplyDeletebilkul sahi kaha..
ReplyDeleteaajkal bas yahi din rah gaye hai manane ko..
... प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!!
ReplyDeletejab maine blog join kiya tha.. soncha tha hindi sahitya ko blog par likhne wale mere jaise kam hi bewakuff honge... ab pata chala bahut se buddhimaan bhi hai... aapka blog dekh kar bahut achha laga... shayad thoda bahut sikhne ko bhi mila....
ReplyDeleteek chhoti si dastak mere blog par bhi de... http://ab8oct.blogspot.com/
जो भी परिस्थिति आये उसको हंसकर स्वीकारते रहो ,मस्त रहो ,सपने देखो पर हकीकत की धरती पर खड़े होकर देखो --हाई-पर टेंशन से दूर रहोगे ,बहुत प्रभावशाली व्यंग है बधाई |
ReplyDeletemazaa hai,bahot achha hai.
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी सलाह है आपकी। आभार।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
खुश रह के और जिन्दा दिल रह के औरो के लिये भी जियो और अपने लिये भी
ReplyDeletehttp://apanajunction.blogspot.com
निर्मला जी ,आप चाहेंगी तो हम इसका बीज आपको कुरियर से उपलब्ध करवा देंगे ,खेती की विधि भी बता देंगे ,आप घर में लगाना चाहती हैं या खेतों में ?यह तो बताएं वरना हमें भी हाईपरटेंशन हो जाएगा .
ReplyDeletebilkul sahi kaha aapne...
ReplyDeletedhanyavaad mere blog par aane aur tippani dene ka.... aapne jo bhi bahumulya sujhav diya hai mai uspar jaldi hi amal karunga,,
aap bahut hi achha likhti hai.
क्या क्या मनाये, वैसे मुझे इससे मनाने की आवस्यकता नहीं है क्योंकि टेंशन अपने को है नहीं, पता नहीं क्यों होती ही नहीं, सिरियस तो मुझे याद नहीं आ रहा कभी हुआ होउंगा, वैसे आप कोई टेंशन मत दे दे ना.....
ReplyDeleteMaa aapko mare charan sparsh, maa aapne likha hai ki dev beta maa ko bhul gaya, maa mai maa ko kaise bhul sakta hoon, maa recession ne hum software walo ko probelm me dal rakha hai so mai office se hi pareshan hoon. aur apreshani me maa ke aanchal ke shiva koi chhaya nahi hai jo man ko sukha de sake...Maa aapke aashirvad se hi humame shukhi aur khush hai..aapki hi antraprerana se hi man me shakti hai...aapke charno me hi to apna tirath hai maa.. koi apne tirath ko kaise bhul satka hai...
ReplyDeleteAapka artidle buhut achcha laga....
Maa ke charno me mera sat sat pranam..
DevPalmistry |Lines tell the story of ur life
sabse pahle aapko mere blog pe aane k liye dhanyawad. aapki ye abhwyakti achi hai. iske liye aapko badhai.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletenirmal ji mere dost kahte hai ki
ReplyDeletetention lene ka nahi, dene ka
lekin bechare jante hi nahi ki dusro ko tention dene ki tention se unhe hipertention hoti hai
aaderneey
ReplyDeleteaaderneey....
nirmala ji.........
aapne jo mera hosla badaya....uske liye dil se aabhar...
asha karta hun aap aage bhi isi tarah meri hoslaafzai aour margdarshan karte rahenge.....
aaderneey
ReplyDeletenirmla ji pranaam.....
sab aapka aashirvad hai.......
cartoon ban hi jata hai....
.
aaderneey
ReplyDeletenirmla ji pranaam.....
naya cartoon dala hai jara apna aashirwad de...
ek bat aour aapka koi aour bhi hai kya.....
बजा फ़रमाया आपने जी।
ReplyDeleteशायद इक दिन भी ऐसा नही बचेगा जिस दिन कोई डे नहीं होगा ! और बचेगा तो वो सिंपल डे के नाम से मनाया जायेगा !
ReplyDeletemere life ka phanda hai cool raho , without tension
ReplyDeleteनमस्कार
ReplyDeleteहौसला-अफजाई का बहुत-बहुत शुक्रिया
आपका लेखन हमेशा ही स्तरीय होता है
आपको अभिवादन कहता हूँ
हास्य-व्यंग्य से याद आया कि देहरादून से प्रकाशित होने वाली
साहित्यिक पत्रिका "सरस्वती -सुमन" का अगला अंक हास्य-व्यंग्य
विशेषांक निकल रहा है जिसका सम्पादन इस बार विद्वान् साहित्यकार
और लेखक श्री योगेन्द्र मौदगिल (पानीपत) कर रहे हैं .
आपसे अनुरोध है कि अपनी चुनिन्दा रचनाएं भेजें
१ श्री योगेन्द्र मौदगिल - (०९८९६२ ०२९२९)
या
२ डॉ आनंद्सुमन सिंह मुख्या सम्पादक
सरस्वती सुमन
१- छिबर मार्ग (आर्य नगर )
देहरादून . (०९४१२० ०९०००)
सधन्यावाद
---मुफलिस---
abhi tak to nahin tha...lekin shayad ab ho jaayega.... :)
ReplyDeleteye din banaata kaun hai??
Kin kin se bachen..! Na jane kitne 'silent killers'hain! Aksar aatee hun aapke blog pe..kayi baar soch me pad jaatee hun,ki, kya kahun,aapko padhne ke baad...gyaan vardhan to hai,lekin,aapke kahnekaa tareeqa behad saral aur achha hai..padhne ke baad nazar andaaz nahee kiya jaa saktaa..
ReplyDeletehttp://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://lalitlekh.blogspot.com
http://aajtakyahantak-blogspot.com
http://shama-baagwaanee.blogspot.com
बिल्कुल ठीक कहा आपने। हां अगर वरुण गांधी और रीता बहुगुणा की तरह सपने देखे, तो जेल जाना पड़ सकता है। हम तो यही कहेंगे कि चार जिंदगी की ज़िंदगी है, टेंशन लेकर क्या जीना।
ReplyDeletegood sattire.
ReplyDeleteJagmohan Rai
वैसे तो यह दिवस मे सिमट ही नही पायेगा. मेरे खयाल से अन्तर्राष्ट्रिय हाईपर्टेन्शन युग मनाया जाए तो बेहतर होगा.
ReplyDeleteमनाये न मनाये ये तो मन ही रहा है
आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
ReplyDeleteरचना गौड़ ‘भारती’
एक बिनती लेके आयी हूँ ..'एक सवाल तुम करो ' इस प्रश्न मंच को ,सामाजिक सरोकार मद्दे नज़र रखते हुए ,मैंने तथा नीरज कुमारने बनाया है ..क्या आप कभी छोटे ,छोटे सवाल ,जो आपके मनमे आते हैं , लिखेंगी ? बड़ी शुक्र गुज़ारी तथा हौसला अफ़्ज़ायी होगी ..मै अलगसे निमंत्रण भेज दूँगी , गर आप राज़ी हों तो ..अन्य नाम भी गर सुझाना चाहें ( e-mail द्वारा ) तो बड़ी मेहेरबानी होगी ..!
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ReplyDeleteYe hai, is naye blog kaa link..intezaar rahega..!
बिखरे सितारे ! ७) तानाशाह ज़माने !
ReplyDeleteपूजा की माँ, मासूमा भी, कैसी क़िस्मत लेके इस दुनियामे आयी थी? जब,जब उस औरत की बयानी सुनती हूँ, तो कराह उठती हूँ...
लाख ज़हमतें , हज़ार तोहमतें,
चलती रही,काँधों पे ढ़ोते हुए,
रातों की बारातें, दिनों के काफ़िले,
छत पर से गुज़रते रहे.....
वो अनारकली तो नही थी,
ना वो उसका सलीम ही,
तानाशाह रहे ज़माने,
रौशनी गुज़रती कहाँसे?
बंद झरोखे,बंद दरवाज़े,
क़िस्मत में लिखे थे तहखाने...
Ye bikhare sitare aur bikhar rahe hain..aapka intezaar hai!
निर्मलाजी , ब्लॉग की दुनिया में नया दाखिला लिया है. अपने ब्लॉग deshnama.blogspot.com के ज़रिये आपका ब्लॉग हमसफ़र बनना चाहता हूँ, आपके comments के इंतजार में...
ReplyDelete'बिखरे सितारे 'पे comment के तहे दिल से शुक्रिया !
ReplyDeleteअन्तर्राष्ट्रिय हाईपर्टेन्शन डे,पर आपके लेख ने हसाया भी साथ ही सोचने पर भी मजबूर किया
ReplyDeleteYe Shama Jalaaye rakhen.
ReplyDelete( Treasurer-S. T. )
निर्मला जी
ReplyDeleteअच्छा लिखा है सही भी लिखा है
हमारा प्यारा भारत अब बिकॉज दैट ईज इन्डीया है और भारत को ही अमेरिका का चक्कर लगा के फोल्लो कर रहा है चूँकि भारत kee संस्कृति उत्सव धर्मी है इस लिए यहाँ साल के ३६५ दिनों में एक हज़ार से ज्यादा त्यौहार होते हैं जब की अमेरिका और पस्श्चिमी देश व्यवसाय धर्मी है इसलिए इंडिया नाम का पिछलग्गू भी धंधा करने के लिए रोज रोज nai पुकार लगाने का अवसर देने वाली धंधा संसुक्रती के पीछे लग जाता है
जाहिर है आप को ह्य्पर टेंशन हो न हो ,जाओ ,डॉक्टर से जांच करा आओ .डॉक्टर commission खाकर जो बहु राष्ट्रिय कम्पनी की दावा लिखेंगे उससे उनका धंधा चलेगा
वरना अपने भारत में तो ४० मिनट सुबह ध्यान कर लो या बीस बीस मिनिट सुबह शाम धयान में बैठ लीजिये
ये हाइपर टेंशन होता क्या है कभे पता ही नहीं चलेगा
अच्छा व्यंग लिखने के लिए बधाई
अन्तर्राष्ट्रिय हाईपर्टेन्शन डे
ReplyDeletekya baat...nirmlaji...bina kahe sab keh diya ...ek tathya ko prastut bher ker ke aapke es vyang se kafi hasya v prasna cha gaye ....acha lekhan..prabhavshali ..v sahaj ....
प्रभावशाली आलेख है जी
ReplyDeleteसादर
इष्टमित्रों और परिवार सहित आपको, दशहरे की घणी रामराम.
ReplyDeleteरामराम.
aap aai khushi hui .charcha dilchasp hai .happy dashhara .is lekh ko padhte huye jagjit ji gazal yaad aa gayi .----ye khuda ret ke ..................chadar dede .
ReplyDeleteथोडा लेट हूँ. आपको विजय दशमी की बधाई!
ReplyDeleteaapki post padh kar achchha laga
ReplyDeletenaturica par suniyeकविता -mix
मीत गीत के
ReplyDeleteजलो दीप बन.
तिमिर पान कर
अमर रहो..
WiSh U VeRY HaPpY DiPaWaLi.......
ReplyDeleteनिर्मला आपा आदाब,
ReplyDeleteजिस बीमारी का जिक्र आपने किया वास्तव में आज देश का युवा इससे सबसे ज्यादा पीड़ित है जब हमारे सामने समस्याएं मुह बाये खड़ी हों तो टेंशन क्या टेंशन का बाप भी सर पर तांडव करता है मै राहुल गाँधी की बात नहीं करता मै बात करता हूँ इरोम शर्मीला की नॉर्थ ईस्ट में जो भी हो रहा है उसको लेकर अगर महीनो कोई भूखा रहकर विरोध जताता है तो उसे क्या कहा जायेगा की आखिर उसको अपने लोगों की इतनी चिंता क्यूँ है क्यूँ वो अपने लोगों को लेकर इतनी परेशां रहती है खैर मै आपको धन्यवाद देता हूँ आज आपको पढने का मौक़ा मिला और आगे भी आपसे बहोत कुछ सिखने को मिलेगा.
आपका हमवतन भाई ...गुफरान सिद्दीकी(अवध पीपुल्स फोरम फैजाबाद)
होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाये और ढेरो बधाई ...
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